विषय सूची
श्री गणेश उत्सव या गणेश चतुर्थी पर निबंध-Essay on Shri Ganesh Utsav or Ganesh Chaturthi.
आज अगर हम गणेश उत्सव की बात करें तो को इसे कौन नही जानता ? जिसे हम गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के नाम से भी जानते है। यह त्योहार पहले मुख्य रुप से महाराष्ट्र में ही मनाया जाता था, लेकिन आज के समय में गणेश उत्सव पुरा भारत देश में बडी ही धुमधाम तथा हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है।
आज ऎसा माहौल है कि बडे महानगरों में हर गली तथा हर नुक्कड पर श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित दिखाई देती है ।
प्राय: यह देखा जाता है कि अधिकांशत: श्री गणेश जी पर निबन्ध स्कुलों में बच्चों को लिखने के लिए दिया जाता है कि गाणेश चतुर्थी पर 100, 200 या 300 शब्दों में निबंध लिखो , तो में बच्चों के लिए ही लिख रहा हूँ।
गणेश चतुर्थी पर निबंध (100 शब्द)
गणेश चातुर्थी हिन्दुओ का त्योहार है, और यह त्योहार बहुत ही हर्षो-उल्लास से मनाया जाता है।
श्री गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे और अत्यन्त प्रिय पुत्र है, जिनके जन्म दिन को ही हम सभी गणेश चतुर्थी के नाम से पुजा करते है। यह त्योहार भाद्र मास या अक्टुबर, सितम्बर महीने मे मनाया जाता है। भगवान गणेश सुख और सम्रिद्ध के देवता है, ये अपने भक्तों के कष्टों हर लेते है और उनकी जिन्दगी को खुशियों से भर देते है। हम सभी नहा धोकर नए-नए कपडे पहनकर और कटोरी में प्रसाद सजाकर स्कुल जाते है और गणेश जी के प्रतिमा के सामने पुजा-अर्चना करते है और उनसे आशिर्वाद मांगते है।
पढ़ें: विश्व महासागर दिवस पर निबंध
गणेश चतुर्थी पर निबंध (200 शब्द)
गणेश चतुर्थी हर बर्ष आता है, और इस दिन हम सभी श्री गनेश जी के जन्मदिन बडे ही खुशी के साथ मनाते है और गणेश जी से अपने कष्टों को हर कर ले जाए ऎसा आशिर्वाद दिल से मांगते है। श्री गणेश भोले शंकर और मां पार्वती के पुत्र है। श्री गणेश मां के आँखों के तारा है। इनका जन्मदिन हम सभी बडे प्रेम से मनाते है और प्रसाद के रुप में नेवेद, गुड, चावल तथा मोदक को चढाते है।
Ganesh chaturthi short Essay
यह त्योहार करीब 10 दिन तक चलता है, यह त्योहार में लोग तरह-तरह से अपने घर को सजाकर अपने ईष्ट देव को मेहमान के रुम में लाते है। गणेश जी की प्रतिमा मिट्टी एवम चुना-पत्थर के बने होते है, जिन्हे अपने घर मे स्थापित करके पुजते है और सुबह शाम उनकी आरती उतारते है, और अन्तिम दिन उनका विसर्जन कर देते है।
गणेश चतुर्थी पर निबंध (1100 शब्द)
एक परिचय
गणेश चातुर्थी महोत्सव बडे ही हर्षो-उल्लास से केवल महाराष्ट्र ही नही वरन पुरे भारतबर्ष में धुम-धाम से मनाते है। यह त्योहार हर गांव तथा महानगरों मे मनाई जाती है। लोग अपने कॉलोनी के मेन गेट पर पांडाल को सजाकर और फ़िर बाजार जाकर गणेश जी की विशाल प्रतिमा को लेकर आते है और पांडाल में स्थापित करते है और सुबह शाम को बडे प्रेम से भजन को गाकर फ़ुलों तथा दुर्वा घास से पुजा करते है और उनका आरती उतारते है तत्पश्चात मिठाई बांटते है। यह त्योहार पुरे नो दिन तक चलता है और अनंत चतुर्दशी को समापन करते है।
श्री गणेश माता पार्वती के पुत्र है, जिनका जन्मदिन हम गणेश चतुर्थी के रुप में मनाते है। और प्रसाद के रुप मे मोदक को चढाते है, मोदक उनको बहुत पसंद है। हिन्दु मान्यता के अनुसार प्रथम पुज्य गणेश जी है, कोई भी नया काम शुरु करने के पहेल श्री गणेशाय नम: पहले किया जाता है।
कुछ महत्वपुर्ण तथ्य
भारतीय पाचांग के अनुसार यह त्योहार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष से शुरुआत होता है और पुरे नव दिन तक चलता है, पुरे कालोनियों में रोज गाजे-बाजे यानी भजन और कीर्तन तथा आरती रोज होता है, चारों ओर खुशी का माहोल होता है।
ईस त्योहार को कुछ लोग विनायक चोठ भी मानते है । यह त्योहार महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना,गुजरात तथा छतीसगढ में बहुत ही धुमधाम से मनाते है। तथा गणेश उत्सव भारत के अलावा नेपाल, कनाडा, अमेरिका, मलेशिया तथा युरोप मे भी मनाए जाते है।
कुछ जानकार बताते है कि यह त्योहार छत्रपती शिवाजी महाराज के समय से शुरुआत हुई है और अबतक चला आ रहा है।