घोड़ा पर निबंध 10 लाइन. Essay on the Horse.
Essay on Indian Horse: घोड़ा एक पालतू पशु होता हैं । जरूरतमंद लोग इसे अपने कामों के लिए पालते हैं। इनके चार पैर, दो आंख, दो कान,एक नाक,एक लंबी पेट और एक लंबी पूंछ होती है। इनका शरीर बहुत मजबूत होता है ।
यह हमारे लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह बहुत मजबूत होता है और बिना रुके हुए तेजी से दौड़ सकता है ।
घोड़ा सभी प्रकार के भार को ढोने में सक्षम होता है । ज्यादातर लोग इससे सवारी या फिर माल ढोने के काम मे लेते हैं ।
अन्य जानवरों की ही तरह यह दुनियां में सभी जगह पाए जाते हैं, बस फ़र्क केवल रंग और नस्ल के होते हैं । क्योंकि कुछ घोड़े के नस्ल को उत्तम माना जाता है । या फिर कुछ लोग घोड़े को प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने हिसाब से योग्य बनाते हैं।
यह भी पढ़ें :- राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस पर निबंध
प्राचीन समय मे सेना की टुकड़ियों में एक घुड़सवार दस्ता भी होता था । और ये दस्ते युद्ध के समय सैनिकों को बहुत मदद पहुचाते थे जैसे-हथियार की खेप, भोजन की व्यवस्था आदि में घुड़सवार बहुत काम आता था ।
पुराने समय मे राजा महाराजा लोग घोड़े और हांथी का प्रयोग ज्यादा करते थे । युध्द में लड़ाई के मैदान में घोड़े और हांथी का प्रयोग लंबे समय से किया जाता रहा है। उनके सैनिक दस्ते में घुड़सवार दस्ते का होना अपने परम्परा एवं शान का प्रतीक
माना जाता था ।
आपने रानी लक्ष्मीबाई और महाराणा प्रताप का नाम तो सुना ही होगा । उन महान वीरों ने अपने घोड़े के दम पर ही कई कारनामें किए है । यानी उनके जीवन मे घोड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। चेतक महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम था । जिनके वीर गाथा इतिहास के पन्नों में अंकित है।
महाराणा प्रताप ने चेतक के बल फिरंगियों के छक्के छुड़ा दिए थे ।
घोड़ा अपने नायक के इशारे को तुरंत समझकर काम शुरू कर देता है। लेकिन वर्तमान समय युध्द करने की कला वही है पर पद्धति बदल गई है ।आज हम युद्ध मिसाइल और तोप से करते है । लेकिन फिर भी अन्य क्षेत्रों में आज भी यह महत्वपूर्ण हैं।
यह मिलनसार, समझदार और प्यारा जानवर होता है । इसे सभी वर्ग और आयु के लोग इसे पसंद करते हैं। यह हमारे मानव समाज के लिए अत्यंत उपयोगी है । हांथी तथा ऊंट की तरह घोड़े का उपयोग लम्बी दूरी के लिए भार ढोने के लिए हम इसका उपयोग करते है। सवारी या टांगे में भी इसका उपयोग एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए किया जाता है । यह एक मजेदार सवारी है ।
इनका रख रखाव भी आसान है । और भोजन में यह हरी घास, पुआल तथा खल्ली भी खाता है तथा खुद भी चर के घर आ जाता है । यह नर और मादा दोनों होते है । मादा घोड़ी नन्हा सा घोड़ा के बच्चे को जन्म देता है जो आगे चलकर घोड़ा बनता है । यह एक ईमानदार और मेहनती जानवर होता है ।