Indian Navy Day- भारतीय नौसेना दिवस
Indian Navy Day– भारतीय नौसेना दिवस कब मनाया जाता हैं।
भारतीय नौसेना विश्व की 4 नम्बर पर आती है । हमारे देश के नौसेना की गाथा और उनके जज्बों को हम फिर से याद करने के लिए हर साल 4 दिसम्बर को नौसेना दिवस मनाते है । वैसे तो भारतीय नौसेना की गाथा की कहानी हर भारतीयों के जुवान पर भी है । लेकिन विशेष रूप से हम अपने देश के वीर जवानों का जोश और उत्साह को दुगुना करने के लिए इस दिन को मनाते है ।
इस साल 2020 में नौसेना दिवस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नौसेना कर्मियों को बधाई दी।
माननीय प्रधानमंत्री ने ‘‘नौसेना दिवस पर हमारे सभी साहसी नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी । और कहा- भारतीय नौसेना निर्भीक होकर हमारी तटीय सीमाओं की रक्षा करती है और जरूरत के समय मानवीय सहायता भी प्रदान करती है।हम सदियों से भारत की समृद्ध समुद्री परंपरा का भी स्मरण करते हैं।’’
भारतीय नौसेना की स्थापना कब हुई थी
भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में हुई थी । जब ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारत मे व्यापार शुरू किया था । तो उसने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए मैरिन के रूप में एक सेना का गठन किया था जिसका नाम रॉयल इंडियन नौसेना नाम दिया गया।
ततपश्चात जब भारत को आजादी मिली तो साल 1950 में इस सेना का फिर से गठन किया गया और इसका नाम भारतीय नौसेना रखा गया ।
भारतीय नौसेना दिवस क्यों मनाई जाती है।
बर्ष 1971 की घटना है जब देश मे स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का शासन था । भारत और पाकिस्तान में जबरदस्त युद्ध छिड़ गया था ।
दरअसल पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर 1971 को हमारे देश के हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला बोल दिया था। जवाबी कार्रवाई में भारत ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया था। इसी के साथ 1971 के युद्ध की भी शुरुआत हुई थी। तब भारत ने पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाना बनाते हुए हमला किया था। यह हमला इतना जबरदस्त था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह छतिग्रस्त होकर बर्बाद हो गया था और इससे लगी आग सात दिनों तक लगातार जलती रही थी। भारत के इस जवाबी हमले से पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ कर रख दी थी । और इस युध्द में भारतीय सेना ने अपनी जीत का परचम लहराया । इस युद्ध में सफलता हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की ताकत और बहादुरी को याद करते हुए हर वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है।
और इस युद्ध मे पाकिस्तान का विभाजन हुआ और बंगलादेश का जन्म हुआ ।
भारतीय नौसेना ने इस युद्ध में 3 विद्युत क्लास मिसाइल बोट, 2 एंटी-सबमरीन और एक टैंकर शामिल का इस्तेमाल किया था । और इसीयुद्ध में पहली बार जहाज से जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था।