International stuttering awareness day-इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे
International stuttering awareness day– हर साल 22 अक्टूबर को विश्वभर में अंतराष्ट्रीय हकलाहट जागरूकता दिवस [International stuttering awareness day] मनाया जाता है . इस दिवस को मानाने का मुख्य मकसद यह है की लोगों को हकलाहट के प्रति जागरूक करना है या जागरूकता फैलाना है .
आपने कभी कभी गौर किया होगा कुछ लोग बोलने से पहले हकलाते है या हकलाते हुए बोलते है , यह प्रोग्राम उन सभी भाइयों के लिए ही है . अर्थात यह दिन उन लाखों करोड़ों लोगों के लिए है को जागरूक करने के लिए ही मनाया जाता है . जिन्हे अक्सर यह समस्या है की हकलाते हुए बोलते है या फिर हकलाते है . उन्ही लोगों के लिए विश्व भर में अंतराष्ट्रीय हकलाहट जागरूकता दिवस [International stuttering awareness day] मनाया जाता है .
हकलाना [stuttering] क्या होता है?
हकलाना एक विकार है यह ऐसा विकार है जिसे हम वाक् या वक्तव्य विकार भी कह ससकते है . जब बोलते समय कोई अटक जाय या रुक जाय अर्थात किसी शब्द को बोलने में कठिनाई हो या फिर उस शब्द को बार बार उच्चारण करें उसे ही हकलाना कहते है . इसके कई कारन हो सकते है . जैसे- मांशपेशियों में खीचापन , बोलते समय अंगों में बाधा उत्पन्न होना, बचपन से ही अविकसित अंग, सर में चोट अनुवांशिक लक्षण भी हो सकते है .
History of International stuttering awareness day- अंतराष्ट्रीय हकलाहट दिवस का इतिहास
इस दिन की शुरुआत सर्वप्रथम ऑकलैंड , कैलिफ़ोर्निया में 22 अक्टूबर 1988 को माइकल सुगरमैन के द्वारा की गई थी .
अंतराष्ट्रीय हकलाहट दिवस का थीम है – “Journey of Words – Resilience and Bouncing Back”.